Shardiya Navratri 2023: नवरात्र के नौ दिनों मां के नौ रूपों की पूजा का विधान है। आज नवरात्र (Navratri 2023) का दूसरा दिन है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त देवी की सच्चे दिल से पूजा करते हैं मां उनके सभी कष्टों को हर लेती है।
नवरात्रि के दूसरे दिन इस विधि से करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
पूजा के समय करें इस चालीसा का पाठ और आरती
नवरात्र का महत्व (Shardiya Navratri 2023)
नवरात्र का महत्व बेहद धार्मिक है। आज नवरात्र का दूसरा दिन है, जो मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, जिन्हें तपस्या की देवी माना जाता है। देवी ब्रह्मचारिणी अपने बाएं हाथ में कमंडल और दाहिने हाथ में माला धारण करती हैं। साथ ही वह सफेद साड़ी पहनती हैं। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को शक्ति, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। मां ब्रह्मचारिणी दुर्गा देवी के सबसे शांत और सुंदर रूपों में से एक है।
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मां ब्रह्मचारिणी की कहानी
शास्त्रों के अनुसार, देवी ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया था, जिन्हें पार्वती के नाम से जाना जाता है, फिर उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। पहले एक हजार वर्षों तक वो फल, फूल खाकर जीवित रही, इसके पश्चात एक हजार वर्ष तक वो जड़ी-बूटियों पर जीवित रही और उसके बाद एक हजार वर्ष तक उन्होंने केवल बेल पत्र के टूटे हुए पत्ते खाएं।
इसके बाद उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया और अगले एक हजार वर्षों तक जीवित रहीं। देवी पार्वती के समर्पण को देखने के बाद, सभी देवताओं और सप्तर्षियों ने उन्हें भगवान शिव से शादी करने का आशीर्वाद दिया और उनका नाम अपर्णा रखा।
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मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
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