पितृपक्ष (pitru paksha) में ऐसा शुभ संयोग पांच साल बाद बन रहा है। इस वर्ष पितृपक्ष (pitru paksha) की अमावस्या तिथि पर मोक्ष अमावस्या (Moksha Amavasya) का योग बन रहा है। इस तिथि पर मात्र जल तर्पण से पितृ न सिर्फ तृप्त होंगे अपितु उनके आशीर्वाद से सफलता और समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे।
#PITRU PAKSHA SHRADDH
-
Religious
Shradh Amavasya: मोक्ष अमावस्या पर जल तर्पण से ही तृप्त होंगे पितृ, जाने विधि
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEY -
Religious
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYPitru Paksha 2022: भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष (Pitru Paksha) कहा जाता है। ब्रह्म पुराण के मुताबिक मनुष्य को पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए और उनका तर्पण करना चाहिए। पितरों का ऋण श्राद्ध के जरिए चुकाया जा सकता है।
-
Religious
Pitru Paksha 2022: पितरों का श्राद्ध करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYPitru Paksha 2022: पितृपक्ष (Pitru Paksha) में हम अपने पितरों को नियमित रूप से जल देते हैं। उनकी आत्मा की शांती के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष (Pitru Paksha) में हमारे पितृ धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं और जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करते हैं। इसलिए पितृपक्ष (Pitru Paksha) में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में पिंडदान और दान धर्म के कार्यों का पालन करते हैं।
-
Religious
Pitru Paksha 2022: 12 साल बाद बनने जा रहा है श्राद्ध पक्ष में ये अशुभ योग, जानिए…
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYहिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022), भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या (Amavasya) तक रहते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से शनिवार 25 सितंबर रविवार तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार श्राद्ध (Shraddha) की तिथियों का घटना शुभ माना जाता है। लेकिन इन तिथियों का बढ़ना या पूरा होना शुभ नहीं होता।