इस पूजन विधि से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ
पूरा श्रावण मास जप,तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, लेकिन इसमें सोमवार का विशेष महत्व है. सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं. अतः इसदिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है. कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छाई हो.
अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है. सोमवार और शिव जी के सम्बन्ध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था. सावन का सोमवार विवाह और संतान की समस्याओं के लिए अचूक माना जाता है.
इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को होगा.
महत्व
- भगवान शिव की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है.
- अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाना चाहिए.
लाभ
- अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार का व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है
- सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है , इसके अलावा इसको अन्य महीनों में भी किया जा सकता है
- इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है
पूजा विधि
- प्रातः काल स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं
- घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें
- वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें
- दिन में केवल फलाहार करें
- सायंकाल भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें