पितृ पक्ष या श्राद्ध करीब 16 दिनों के होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होते हैं और आश्विन मास की अमावस्या को समापन- होता है।
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Pitru Paksha 2022: इस साल कब से शुरू हो रहे पितृ पक्ष? जानें महत्व व तिथियां
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEY -
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Raksha Bandhan 2022: पूर्णिमा तिथि और रक्षा बंधन की तिथि दो दिन, भद्रा, जानें राखी बांधने का समय
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYसावन की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10.38 बजे शुरू होगी, इसलिए उदया तिथि तो 11 अगस्त को नहीं है और 12 अगस्त को सुबह 7 बजे समाप्त हो जाएगा, इस हिसाब से उदया तिथि 12 अगस्त को है। इसलिए कुछ लोग 11 अगस्त तो कुछ लोग 12 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाने की बात कर रहे हैं।
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Nag Panchami 2022: पूजा में इस बात का रखें खास ख्याल, भूलकर भी न करें ये काम
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYनाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नाग देवता की विधिवत पूजा की जाती है। भोलेनाथ को सांपों को देवता माना गया है। लेकिन ध्यान रहे कि नागपंचमी के दिन भूलकर भी जीवित सांप की नहीं बल्कि नागदेवता की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए।
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Nag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में दर्शन मात्र से मिटता है कालसर्प दोष
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYकालसर्प दोष दूर करने वाला मंदिर नागराज वासुकी है। यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दारागंज मोहल्ले के उत्तरी छोर में स्थित है। यहां नागराज वासुकी मंदिर के देवता के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर में नागराज के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
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Nag Panchami 2022 : नाग पंचमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, ज्योतिषाचार्य से जानें…
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYपृथ्वी पर नागों की उत्पत्ति कैसे हुई। इसका वर्णन हमारे ग्रन्थों में किया गया है। इनमें वासुकि, शेषनाग, तक्षक और कालिया जैसे नाग है। नागों का जन्म ऋषि कश्यप की दो पत्नियों कद्रु और विनता से हुआ था। स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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Nag Panchami 2022: सालों बाद बन रहा ये अद्भुत संयोग, इन मुहूर्त में भूलकर भी न करें पूजन
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYइस साल नाग पंचमी पर विशेष संयोग बन रहा है। नाग पंचमी के दिन तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। सावन मास में सोमवार व्रत के साथ ही मंगलवार व्रत का भी विशेष महत्व होता है। मंगलवार व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है।
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Sawan 2022: शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए सावन माह में रोजाना कर लें ये खास उपाय
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYइस समय मकर, धनु, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि के अशुभ प्रभावों से हर कोई भयभीत रहता है। शनि की बुरी नजर पड़ने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर शनि का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
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मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसदिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत को सुहागिनों के अलावा कुंवारी कन्याएं रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।
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Sawan 2022: इस दिन से शुरू हो रहा सावन मास, बनेंगे ये शुभ संयोग
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYSawan 2022: सावन (Sawan) का महीना भगवान शंकर को अतिप्रिय है। सावन को श्रावण महीना भी कहा जाता है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में पड़ने वाले सोमवार व्रतों का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शंकर व सोमवार व्रत करने से मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन के हर सोमवार खास रहने वाले हैं। सावन के हर सोमवार को शुभ संयोग बन रहे हैं।
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Sawan Shivratri 2022: सावन मास की शिवरात्रि कब है? जानें पूजा का उत्तम मुहूर्त व व्रत नियम
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYहिंदू पंचांग के अनुसार, साल भर में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं इनमें से दो शिवरात्रि बेहद खास मानी गई हैं। सबसे प्रमुख फाल्गुन मास की शिवरात्रि (Shivratri) मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। इसके बाद शिवरात्रि सावन में भी आती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने व भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है।(