#करवा चौथ का व्रत करते समय बरतें ये सावधानियां
करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. मिट्टी के टोटीनुमा पात्र जिससे जल अर्पित करते हैं, उसको करवा कहा जाता है और चतुर्थी तिथि को चौथ कहते हैं. इस दिन मूलतः भगवान गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है.
चंद्रमा को सामन्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन मैं सुख शांति और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.
यह पर्व सौंदर्य प्राप्ति का पर्व भी है. इसको मनाने से रूप और सौंदर्य भी मिलता है. इस दिन सौभाग्य प्राप्ति के लिए रात्रि को प्रयोग भी किए जाते हैं. इस बार करवाचौथ का पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
करवा चौथ के व्रत के नियम और सावधानियां क्या हैं…
- केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, ऐसी महिलाएं ही ये व्रत रख सकती हैं.
- यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है.
- व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफ़ेद वस्त्र न पहनें.
- लाल वस्त्र सबसे अच्छा है, पीले रंग का वस्त्र भी पहना जा सकता है.
- आज के दिन पूर्ण श्रृंगार और पूर्ण भोजन जरूर करना चाहिए.
- अगर कोई महिला अस्वस्थ है, तो उसके स्थान पर उसके पति यह व्रत कर सकते हैं.
सौभाग्य प्राप्ति का पहला उपाय (अगर पति-पत्नी में दूरियां हों)
- मध्य रात्रि को पीले वस्त्र धारण करें.
- भगवान गणेश के समक्ष घी का दीपक जलाएं.
- भगवान गणेश को पीला वस्त्र और हल्दी की दो गांठ अर्पित करें.
- इसके बाद “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें.
- पीले वस्त्र में हल्दी की गांठ बांधकर अपने पास रख लें.
सौभाग्य प्राप्ति का दूसरा उपाय (अगर पति-पत्नी में बिना कारण विवाद होता रहता हो)
- मध्य रात्रि को लाल वस्त्र धारण करें.
- गणेश जी को पीपल के पत्ते पर रखकर सिंदूर अर्पित करें.
- इसके बाद “ॐ रिद्धिसिद्धिविनायकाय नमः” का जाप करें
- सिंदूर को सुरक्षित रखें और इसका नियमित प्रयोग करते रहें.