Pitru Paksha 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, 11 अक्टूबर को पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन संध्याकाल से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है।
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Pitru Paksha 2023: द्वादशी तिथि पर पितरों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर एक साथ 4 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पितरों को तर्पण देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, द्वादशी तिथि पर रुद्राभिषेक के लिए शुभ योग बन रहा है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि 11 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट तक है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।Pitru Paksha 2023
शुक्ल योग
बुध प्रदोष व्रत शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुक्ल योग का निर्माण 12 अक्टूबर तक है। इस दौरान नारायण श्रीहरि की पूजा-उपासना करने से सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कामों में सिद्धि प्राप्त होती है।
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शुभ योग
पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
करण
आश्विन माह में द्वादशी तिथि पर शाम 05 बजकर 37 मिनट तक तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इसके पश्चात, गर करण रात्रि भर है। तैतिल और गर करण शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
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रुद्राभिषेक
पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इस समय तक भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर सवार रहेंगे। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
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साल 2023 का आखिरी सूर्य और चंद्र ग्रहण?
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 56 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक
अमृत काल – सुबह 04 बजकर 26 मिनट से अगले दिन 06 बजकर 14 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 56 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
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अशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
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