THO

 

शरीर में थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने मतलब बढ़ने या घटने दोनों ही स्थिति में हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने से शरीर में थकावट होने लगती है। वजट घटने या बढ़ने लगता है। बाल झड़ने लगते हैं। खून की जांच से डॉक्टर थायरॉइड का पता लगाते हैं।

  गैगरीन का भी खतरा

हाथ-पैर का बार-बार सुन्न हो जाना गैगरीन जैसी जानलेवा बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हाथ-पैर का बार-बार सुन्न होना। काफी देर तक उस अंग का सुन्न बने रहना, गैगरीन का संकेत हो सकता है। लिहाजा इसे नजरअंदाज करने की जगह गंभीर बीमारी का संकेत मान, चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

 नशा

WINE

बहुत ज्यादा नशा करने वालों को भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शराब से लिवर तो खराब होता ही है, नसों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अत्यधिक शराब के सेवन शरीर में विटामिन की भी कमी हो जाती है। इन सबकी वजह से हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।

अंदरूनी चोट

किसी हादसे का शिकार होने पर लगने वाली बाहरी चोट हमें दिखाई भी देती है और हम उसका गंभीरता से इलाज भी कराते हैं, लेकिन खेलते वक्त या दैनिक कार्य में या किसी हादसे में लगने वाली अंदरूनी चोट को हम अक्सर नजरअंदाज कर जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार बहुत से मामलों में अंदरूनी चोट, बाहरी चोट से ज्यादा खतरनाक होती है। अंदरूनी चोट में अक्सर शरीर की नस क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसकी वजह से भी हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

हृदय की बीमारी का खतरा

सामान्य तौर पर डॉक्टर एक हाथ का ही ब्लड प्रेशर नापते हैं, लेकिन मरीज के दोनों हाथ-पैर का ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। यदि दोनों के ब्लड प्रेशर का अनुपात 0.9 से कम है तो इसका मतलब उस अंग की नसों में ब्लॉकेज हो सकता है। पैरों की नसों में ब्लॉकेज की वजह से हृदय की बीमारी का खतरा 30 फीसद तक बढ़ जाता है। पैर के ब्लड प्रेशर की जांच से ही इसका पता लगाया जा सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक  

चिकित्सकों के अनुसार हाथ-पैर का सुन्न होना या नसों में ब्लॉकेज की वजह अमूमन हमारी खराब जीवनशैली होती है। इसमें नियमित व्यायाम न करना। धूम्रपान, शराब का सेवन या अन्य तरह का नशा करना। प्रदूषण, खाद्य पदार्थों में अत्यधिक पेस्टीसाइड का इस्तेमाल और मधुमेह प्रमुख वजह है। डॉक्टरों को एक अध्ययन में 23 फीसद लोगों के पैरों की नसों में ब्लॉकेज मिला। 40 फीसद लोगों के गले की नस में ब्लॉकेज मिला, जिससे उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया।

मधुमेह  

कभी-कभार हाथ-पैर का सुन्न हो जाना एक सामान्य बात है, लेकिन बार-बार ऐसा होता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक हाथ-पैर का बार-बार सुन्न पड़ना मधुमेह (डायबिटीज) का संकेत हो सकता है। बार-बार हाथ-पैर के सुन्न होने के तकरीबन 33 फीसद मामलों में डायबिटीज अहम वजह होती है। यही वजह है कि बार-बार हाथ-पैर सुन्न होने की शिकायत पर डॉक्टर सबसे पहले मधुमेह की ही जांच कराते हैं।

अगर दोनों अंग सुन्न हो रहे

सामान्य तौर पर कोई नश दबने से शरीर का एक ही अंग सुन्न पड़ता है, लेकिन एक साथ दोनों अंग मतलब दोनों हाथ या दोनों पैर सुन्न पड़ जाते हैं तो ये शरीर में कुछ खास विटामीन की कमी का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा अक्सर विटामीन बी12 की कमी के कारण होता है। ऐसे में खून की एक आसान सी जांच कर इसका पता लगाया जा सकता है। अगर खून जांच में शरीर में विटामीन की कमी पायी जाती है, तो डॉक्टर विटामीन सप्लीमेंट देकर उस कमी को पूरा करते हैं।

कंप्यूटर जॉब 

अगर आप लैपटॉप या कंप्यूटर पर ज्यादा काम करते हैं। आपको कई घंटों तक कंप्यूटर या लैपटॉप या टाइप राइटर आदि पर टाइपिंग करनी पड़ती है तो ये भी हाथों के सुन्न होने की अहम वजह हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह के काम से कलाईयों की नस बुरी तरह पर काफी जोर पड़ता है। इसे कार्पल टनल सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसमें कलाई की नसों पर बुरा असर पड़ने से हाथ अक्सर सुन्न होने लगते हैं। हाथों का सुन्न होना इसका शुरूआती संकेत होता है।

सर्वाइकल या बैक पेन

कई बार रीढ़ की हड्डी में खराबी आने से शरीर की कोई नस दब जाती है। स्थाई तौर पर या लंबे समय तक नस दबने से सर्वाइकल या बैक पेन (रीढ़ की हड्डी खिसकने से होने वाला कमर दर्द) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में भी हाथ या पैर बार-बार सुन्न पड़ने लगते हैं। डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए MRI या सिटी स्कैन का सहारा लेते हैं।