
सपा-बसपा गठबंधन पर बोली #Congress – उत्तर प्रदेश में हमें नजरअंदाज करना…
लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती के बीच संभावित सपा-बसपा गठबंधन से अलग रखे जाने पर #Congress ने यूपी के दोनों बड़े नेताओं को संदेश देते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी की अनदेखी करना खतरनाक गलती हो सकती है.
बीजेपी को जीत से रोकने लिए दोनों ने गठबंध किया है
- दरअसल, मायावती की बसपा और अखिलेश यादव की सपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में साथ-साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिसका औपचारिक ऐलान आज यानी शनिवार को लखनऊ में होगा.
- सूत्रों की मानें तो सपा-बसपा गठबंधन पर उनका कहना है कि राज्य में बीजेपी को जीत से रोकने लिए दोनों ने गठबंध किया है. हालांकि, पहले यूपी में बसपा-सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चल रही थी, मगर कुछ दिनों पहले दिल्ली में मायावती और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात ने यह संकेत दे दिये कि राज्य में सपा और बसपा के बीच गठबंधन होगा और कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा.
- हालांकि, सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि सपा-बसपा गठबंधन में अगर कांग्रेस दो सीटों पर मान जाती है तो उसे साथ रखा जाएगा. अगर कांग्रेस पार्टी गठबंधन से बाहर रहती है तो कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि समान विचार वाली सभी पार्टियों का उद्देश्य कांग्रेस की तरह यही है कि इस देश से कुशासन हटाया जाए, तानाशाही को हटाया जाए.
- यह सबका समान उद्देश्य है. हमें इस उद्देश्य के लिए काम करना है. आगे उन्होंने कहा कि हर पार्टी की जिम्मेदारी होती है कि वह उस परिणाम को लेकर तालमेल कायम करे और उसे सुनिश्चित करे.
- इस तरह की हर पार्टी की ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है. जो ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें जनता द्वारा दोषी ठहराया जाएगा.
- उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रजेंस और आधार है.
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आरती पाण्डेय वेबसाइट की संपादक हैं। यह देश में चल रही राजनीतिक हलचलों पर निगाह रखती हैं। कई बडी और सनसनी खबरों को पहले बे्रक करने का श्रेय आरती पाण्डेय को जाता है। निष्पक्ष और तथ्यपरक रिपोर्टिंग इनकी खासियत है। साथ ही स्थानीय और देश की समस्याओं की ओर भी इनका फोकस रहता है।